Aliens क्या हैं- Aliens हैं या नहीं- राज़ खुल गया

Aliens क्या हैं- Aliens हैं या नहीं- राज़ खुल गया

दोस्तों, मुझे नहीं पता एलियंस के बारे में आपने आज तक क्या-क्या सुना है। क्या-क्या पढ़ा है। कौनसे यूट्यूब चैनल पर आपने क्या वीडियो देखा है। मुझे नहीं पता। लेकिन आज इस वीडियो सीरीज में मैं आपको एलियंस के बारे में सब कुछ, मतलब सब कुछ बताने वाला हूं। ऐसी-ऐसी बातें जिनको जानकर एक बार के लिए आपके दिमाग ही चक्र जाएगा। हो सकता है आपको इन सब बातों पर यकीन भी न आए। लेकिन जब तक यह पूरी वीडियो सीरीज पूरी नहीं होगी, इम स्योर आप इस दुनिया के बारे में बहुत कुछ जान चुके होंगे। फ्लैट अर्थ थ्योरी, इल्लुमिनाटी, रेप्टिलियन्स, फेक मून, क्रॉप सर्कल्स, पिरामिड्स, बरमूडा ट्रायंगल। ये सब कुछ इस वीडियो सीरीज में मैं कवर करने वाला हूं। और ये सब बातें मैं कोई क्लिकबेट या अपने व्यूज बढ़ाने के लिए नहीं कह रहा हूं। इनफैक्ट मुझे पता है इस वीडियो पर व्यूज भी नहीं आने वाले। लोग इस तरह की इनफार्मेशन देखना पसंद नहीं करते। लेकिन फिर भी ये सब कुछ दुनिया तक पहुंचाना मेरे लिए जरूरी है। शायद ऊपर वाले ने मुझे ही इस काम के लिए चुना है। और इम स्योर अगर आप ये सीरीज पूरी देखेंगे तो आपके दिमाग के पर्दे भी खुल जाएंगे। ऐसी बातें जो सैकड़ों सालों से इंसानों से छुपा के रखी गई। अपनी दो साल की रिसर्च के बाद मैं अब सब कुछ आपके सामने रखने वाला हूं।

लेकिन आगे बताने से पहले मैं कुछ चीजें आप लोगों के सामने क्लियर कर देना चाहता हूं। सबसे पहले तो मैं ये बताऊं की इस दुनिया में एलियंस के बारे में जितनी भी इनफार्मेशन एवेलेबल है उसके हिसाब से एलियंस को दो ब्रॉड कैटेगरीज में बांटा गया है। एक अच्छे एलियंस, और दूसरे बुरे एलियंस। यहां मैं एक और चीज आपको बता दूं की एलियंस होते तो हैं लेकिन एलियंस या एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल्स एक तरह की जेनेरिक टर्म है जिसको हम उस करते हैं धरती से बाहर पाये जाने वाली हर एक लाइफ फॉर्म के लिए। मतलब की हमारे लिए तो धरती के बाहर एक्सिस्ट करने वाली हर एक लाइफ फॉर्म एलियंस है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की धरती से बाहर सिर्फ एक ही तरह की लाइफफॉर्म एक्सिस्ट करती है। सिम्पल शब्दों में कहूँ तो एलियंस होते तो हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि एलियंस एक ही तरह के होते हैं। एलियंस के भी बहुत सारी स्पीसीज़ यानि प्रजातियाँ हैं। जो अलग-अलग डिमेंशंस में रहती हैं। कुछ रिसर्चर्स बताते हैं की इन एलियंस की जो रैंक है। उसके हिसाब से सबसे ऊपर जो एलियंस हैं वो बेनेवोलेंट एलियंस हैं, मतलब कि अच्छे एलियंस हैं। जबकि बहुत से researchers ये भी कहते हैं कि ऐसा नहीं है। बुरे एलियंस भी मतलब जो इंसानों से फ्रेंडली नहीं हैं, वो भी अच्छे एलियंस जितने ही powerful हैं।

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मैं आपको सब एलियंस के बारे में बताऊंगा। अच्छे एलियंस के बारे में भी.. और बुरे एलियंस के बारे में भी.. लेकिन इस सीरीज़ की शुरुआत हम करेंगे अच्छे एलियंस के साथ। ये भी हो सकता है कि ये इनफ़र्मेशन आपके पुराने beliefs, खासकर religious beliefs से मेल ना खाएं। लेकिन फिर भी मैं चाहूँगा कि आप एक बार खुले दिमाग़ से इस पूरी सीरीज़ को ध्यान से देखें। Entertainment के लिए ही सही।

जब पहली बार मुझे ये सब चीजें पता चली तो मुझे भी बहुत हैरानी हुई थी.. I was almost shocked.. लेकिन फिर जब आप इन सब चीजों को डीपली एनालाइज़ करते हो, सोचते-समझते हो और dots connect करते हो.. तो आपको realize होता है कि everything makes sense..

इस वीडियो में बताई गई सारी इनफ़र्मेशन दुनिया की एक बहुत famous UFO and alien researcher Dolores Canon की research के उपर based है। Dolores Canon आज तो इस दुनिया में नहीं हैं.. लेकिन जब वो जिंदा थी तो एक बहुत ही famous hypnotherapist और UFO investigator थीं।

तो बेसिकली Dolores Canon के पास एक ऐसी ability थी जो शायद ही दुनिया में किसी दूसरे hypnotherapist के पास हो। Dolores के पास ये ability थी कि वो hypnotism के through अपने client को deep trance state में ले जा सकती थी, उनके पिछले जनमों में ले जा सकती थी, पिछले जनम मतलब कि हज़ारों लाखों साल पुराने पिछले जनम.. जहां से वो direct extraterrestrials से contact कर सकती थी, उनसे बातें कर सकती थी और उनसे सवाल पूछ सकती थी। इसलिए अगर मैं ये कहूं कि ये सारी information direct aliens ने ही हमें दी है.. तो ये गलत नहीं होगा।

अब एलियंस का टॉपिक शुरू होने पर सबसे पहला सवाल जो हमारे दिमाग़ में आता है वो ये कि इस सबकी शुरुआत कैसे हुई.. मतलब एलियंस कौन हैं.. इंसान कौन है.. वो कहां से आए.. हम कहां से आए और यह सब..

अब मैं आपको बताऊं कि ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब समझने में बहुत से लोगों को परेशानी हो सकती है.. क्यूंकि लोग इसमें अपने beliefs को लेकर आते हैं। लेकिन जो है वो है.. एलियंस बताते हैं कि इस पूरे ब्रह्मांड में धरती जैसे हजारों planets हैं जिनमें पिछले लाखों करोड़ अरबों सालों से life पैदा होती रही है.. और ये सब कुछ एक part of experiment होता है.. कहने का मतलब है कि हम humans एक experiment का part हैं.. वो experiment क्या है इसके बारे में मैं अभी बताने वाला हूँ…

बेसिकली एलियंस बताते हैं कि इस पूरे ब्रह्मांड में हमेशा से ही अलग-अलग planets पर वो लोग अलग-अलग तरह के cells को mix करके life मतलब जीवन पैदा करने की कोशिश करते रहे हैं.. इसमें से कुछ planets पर ये experiment successful हो जाता है और life develop हो जाती है जैसे earth पर हुई.. तो कुछ planets पर life develop नहीं भी हो पाती.. because again it’s an experiment.. और किसी planet पर life पैदा होने और उसके एक

advance civilisation बनने तक का ये सफ़र कोई 10-20 हजार साल का सफ़र नहीं होता बल्कि इसमें लाखों करोड़ साल लग जाते हैं। और इतना समय लगने के बाद, करोड़ों साल किसी प्लैनेट पर लाइफ फॉर्म grow होने का wait करने के बाद ये उस प्लैनेट को ऐसे ही नहीं छोड़ देते। ये लगातार उस प्लैनेट की रखवाली करते हैं। उसका ध्यान रखते हैं। क्योंकि ये बताते हैं की लाइफ बहुत नाज़ुक होती है। लाइफ grow में तो हजारों साल लग जाते हैं, लेकिन लाइफ ख़त्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता। इसलिए इनको लगातार उस प्लैनेट की और उस लाइफफॉर्म की रखवाली करनी पड़ती है। दूसरी बात ये की इनका मकसद ना सिर्फ किसी प्लैनेट पर लाइफ grow करना होता है, बल्कि उस लाइफ को advance stages और higher dimensions में भी लेकर जाने का होता है। और बिना इनकी intervention के कोई भी लाइफफॉर्म उस stage पर पहुंच तो सकती है, लेकिन उसके लिए न जाने कितने eons of light years का समय लग जाएगा। और इतना समय लगा के अगर किसी वजह से वो लाइफफॉर्म ख़त्म हो गई.. तो इनकी वो हजारों लाखों सालों की मेहनत वेस्ट है।

अब बात करते हैं धरती की.. हमारी इंसानों की.. तो सबसे पहले तो एलियंस बताते हैं की ये जो धरती है.. ,मतलब planet earth, ये कोई पत्थर या मिट्टी से बनी चीज़ नहीं है.. ये एक जिंदा living being है। मतलब कि धरती ज़िंदा है, और इसकी ख़ुद की एक soul है, ना सिर्फ़ धरती की, बल्कि इसके ऊपर पाये जानी वाली हर एक चीज़, पेड़, पहाड़, पत्थर, सब living beings हैं। उन सबकी अपनी अपनी soul मतलब आत्मा है। अब सवाल आता है की धरती पर इंसान कैसे आये.. तो जैसा की एलियंस ने बताया की ये हर एक प्लैनेट बे जीवन का बे जीवन का बीज बोते हैं, और फिर wait करते हैं वहां जीवन पैदा होने का.. धरती पर भी इन्होंने ऐसा ही किया.. करोड़ों अरबो साल पहले.. धरती पर इन्होंने जीवन का बेज बोया.. अब ये बीज बोने का मतलब है की अलग-अलग cells को, जो की randomly अलग-अलग प्लैनेट्स से लिए जाते हैं उन सब cells को mix करके धरती पे भी ये experiment किया गया जीवन पैदा करने का.. फिर उस बीज से, जीवन की शुरुआत हुई.. सबसे पहले single cell organism पैदा हुआ, फिर उससे और बड़े organisms पैदा हुए। और धीरे-धीरे life का evolution होता गया और ये सभी life forms पैदा हुई जो आज हम अपने आसपास देखते हैं.. लेकिन इंसानों का जन्म ऐसे नहीं हुआ..

अब यहाँ ये एलियंस एक बहुत important चीज़ बताते हैं। वो ये की जब भी किसी प्लैनेट पे लाइफ फॉर्म develop हो जाती है और वो प्लैनेट लाइफ sustain करने लगता है तो ये उस प्लैनेट की किसी एक species को चुनते हैं और उसका DNA modify करके उसके evolution को push देते हैं.. धरती पे इन्होंने बंदर को चुना था.. उसका DNA modify करने के लिए..
मैं आपको अब हिंदी फॉन्ट में इस टेक्स्ट को लिख रहा हूँ:

अब सवाल ये आता है कि बंदर को ही क्यों चुना गया.. तो एलियंस बताते हैं की धरती के लिए उन्होंने बंदर को इसलिए चुना क्योंकि बंदर की ब्रेन क्षमता सबसे ज्यादा होती है.. और सबसे इम्पोर्टेंटली बंदर के दो हाथ होते हैं.. जिससे की वो टूल्स वगेरा पकड़ सके.. इसलिए धरती पे उन्होंने बंदर को चुना.. लेकिन ऐसा नहीं है कि हर एक प्लैनेट पर जहां लाइफ ग्रो की जाती है वहां बंदर का ही डीएनए मॉडिफाई किया जाता है.. ऐसा बिल्कुल नहीं है.. किसी प्लैनेट पर वो तित्डे को चुन लेते हैं उसका डीएनए मॉडिफाई करने के लिए तो किसी प्लैनेट पे वो चिपकली को चुन लेते हैं उसका डीएनए मॉडिफाई करके उसको एक इंटेलिजेंट स्पीशीज़ बनाने के लिए.. कहने का मतलब का इस प्योरे भ्रमण्ड मे इंसानो की तरह और ना जाने कितनी तरह की इंटेलिजेंट स्पीशीज़ मौजूद हैं.. ऐसी ऐसी स्पीशीज़ जिनको हम यहाँ धरती पे कीड़े मकोड़े समझते हैं.. वो उन प्लैनेट्स की इंटेलिजेंट स्पीशीज़ हैं जिनकी साइंस एंड टेक्नोलॉजी हमसे भी ज्यादा डेवलोप्ड हो.. अब यहाँ पे मैं आपको एक और बहुत इंटरेस्टिंग बात बताता हूँ.. अगर आपने चार्ल्स डार्विन की थ्योरी ऑफ़ इवोल्यूशन पढ़ी हो तो डार्विन बताते हैं की उनकी इवोल्यूशन थ्योरी बिलकुल परफ़ेक्ट है.. धरती पर इवोल्यूशन हुआ है.. आज जितनी भी लाइफ फॉर्म्स हम धरती पर देखते हैं ये सब सैकड़ों हजारों साल से एवोल्यू होती हुई यहाँ तक पहुची हैं.. लेकिन एक चीज जो उनको कन्फ़्यूज़ करती है वो है बंदर से इंसान बनने की प्रक्रिया.. ऐसा लगता है की जैसे बंदर से इंसान बनने की प्रक्रिया अचानक से हजारों साल आगे जम्प हो गई हो.. जैसे की बंदर एक रात सोया और फिर अगली सुबह जब उठा तो वो इंसान बन गया.. हजारों साल आगे जम्प करके… डार्विन बताते हैं की उनकी थ्योरी में बस एक यही लूपहोल है जिसको वो आजतक समझ नहीं सके.. लेकिन ये बात अब हमें समझ में आती है.. की ऐसा कैसे हुआ होगा.. डीएनए मैनिपुलेशन के थ्रू.. एलियंस ने बंदर का डीएनए चेंज करके उसको इंसान बनाया.. नहीं तो अगर सिम्पल इवोल्यूशन होता तो इन हजारों लाखों साल बाद भी बंदर से इंसान बनने की प्रक्रिया उस स्टेज तक नहीं पहुंच पाती जहां तक आज पहुंच चुकी है..

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अब एलियंस बताते हैं की ये जो पुरी प्रोसेस है ना, मतलब ब्रह्मांड में अलग-अलग प्लैनेट्स को ढूंढना.. फिर उनमें अलग-अलग तरह के cells को मिक्स करके एक्स्पेरिमेंट स्टार्ट करना और लाइफ grow कर

ना.. ये ऐसे ही रैंडमली नहीं किया जाता.. बल्कि एक प्योर सिस्टेमेटिक तरीके से किया जाता है.. इवेन उन एलियंस को जिन्होंने इंसानों को पैदा किया उनको भी इसी तरीके से पैदा किया गया था.. ये उनको “द आर्केयिक वन्स” बोलते हैं, जिन्होंने सबसे पहले उन एलियंस स्पीशीज़ को पैदा किया जिसने बाद में चल के हमें पैदा किया.. द आर्केयिक वन्स हमेशा से ही ये काम करते आ रहे हैं.. और इस प्योर काम पर नजर रखने के लिए ब्रह्मांड में अलग-अलग कॉन्सिल्स हैं जिनके डेफ़िनेट रूल्स एंड रेग्युलेशंस होते हैं.. इन कॉन्सिल्स के पास यूनिवर्स के हर एक प्लैनेट की हिस्ट्री बुक्स होती हैं और उनका पूरा रिकॉर्ड होता है.. और जब कोई प्लैनेट इस स्टेज पे पहुचता है की वो लाइफ को सपोर्ट कर सके तो ये उस प्लैनेट के लिए एक बहुत ही इम्पोर्टेंट पल होता है.. इसके बाद उस प्लैनेट का एक प्रॉपर लाइफ चार्टर बनाया जाता है और अलग-अलग जगहों से प्लैनेट्स से cells लाके उस प्लैनेट पर लाइफ grow करने का एक्सपेरिमेंट शुरू किया जाता है.. एलियंस से जब पूछा गया की जो लाइफ अर्थ पर यानी धरती पर शुरू की गई थी इसके cells कौंसे प्लैनेट से आए थे तो वो बताते हैं की इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की cells कौंसे प्लैनेट से आए.. क्यूकी ये अलग-अलग प्लैनेट्स से लाए गए cells का मिक्सचर होता है.. वो एक तरह से अपनी टेस्ट ट्यूब में कई तरह के cells को grow करके ये एक्सपेरिमेंट करते हैं की इस प्लैनेट पे किस तरह की लाइफ फॉर्म डेवलप होगी.. ये उस प्लैनेट के अटमोस्फियर , वहां की जियोग्राफी वगेरा पे डिपेंड करता है की उसकी लाइफफॉर्म किस तरह की होगी.. और हम इंसान आज जैसे दिखते हैं.. ये सिर्फ़ टुक्के की बात है.. हमारा एपेयरेंस सिर्फ़ एक एक्सपेरिमेंट का नतीजा है.. एक बार जब एक्सपेरिमेंट सक्सेसफुल हो जाता है और किसी प्लैनेट पे लाइफ स्टार्ट हो जाती है तो वो आगे अपने सफर पर निकल जाते हैं दुसरे प्लैनेट पर लाइफ पैदा करने के लिए.. लेकिन बीच बीच में वो आके चेक भी करते हैं की यहाँ क्या चल रहा है.. कहीं कोई गड़बड तो नहीं हो रही..
अब जैसा की मैंने बताया इन एलियंस के लिए ये सब एक एक्सपेरिमेंट होता है. लेकिन इस एक्सपेरिमेंट के कुछ बहुत ही वेल लेड रूल्स होते हैं.. और इनमे सबसे पहला और सबसे इम्पोर्टेंट रूल होता है.. “द रूल ऑफ नॉन इंटरफ़ेरेंस एंड फ़्री विल”..
मतलब की एक बार किसी प्लैनेट पर कोई इंटेलिजेंट स्पीशीज़ ग्रो करना शुरू हो जाए तो ये उनके काम में किसी भी तरह से इंटरफ़ेर नहीं कर सकते.. ये एक ऐसा रूल है जिसे ये एलियंस भी बांधे होते हैं.. फॉर एक्ज़ाम्पल अर्थ के कंटेक्स्ट में मैं आपको समझाऊं तो आप यूँ समझ लो की धरती पर इंसान चाहे कुछ भी करें.. एक दूसरे को मारें, काटें.. एलियंस बीच में इंटरफ़ेर नहीं कर सकते, उनको ऐसा करना एलाउड ही नहीं है.. ये कॉउनिक का रूल है.. हां कुछ एक्स्ट्रीम स्थितियों में ये इंटरफ़ेर कर भी सकते हैं.. जिसके बारे में मैं आपको आगे बताने वाला हूँ.. तो कहने का मतलब चाहे कुछ भी हो ये एलियंस इंसानों के बीच में इंटरफ़ेर नहीं कर सकते.. जैसे आप एक छोटे बच्चे को पैदा करते हैं.. अब वो बच्चा इस दुनिया में सिर्फ़ आप की वजह से ही आया, अपने ही उसको पैदा किया.. लेकिन दुनिया में आकर वो क्या करता है, क्या नहीं करता, उस पर डिपेंड करता है.. और यही ये पूरा एक्स्पेरिमेंट है.. वो हमें बड़ा होता हुआ तो देख सकते हैं लेकिन हमारे एक्शंस में इंटरफ़ेर नहीं कर सकते.. लेकिन वो हमारी हेल्प ज़रूर कर सकते हैं.. इंटरफ़ेर करना और हेल्प करना.. ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं.. एलियंस बताते हैं की वो इंसान की शुरु से हेल्प करते आए हैं.. समय-समय पर हमको कई तरह के गिफ्ट्स देकर.. और इनमें सबसे पहला गिफ्ट था.. आग यानी फायर का गिफ्ट.. जी हां, एलियंस बताते हैं की फायर इस प्लैनेट की मतलब धरती की नहीं है.. फायर को एलियंस ने इंसान को गिफ्ट दिया था.. जिससे वो अपनी रक्षा कर सके, जंगली जानवरों से.. और सर्दियों में अपने आप को गर्म रख सके.. इसके अलावा भी एलियंस समय-समय पर इंसानों को गिफ्ट्स देते आए हैं.. जैसे की कॉर्न यानी भुट्टा.. एलियंस बताते हैं की ये भी उन्होंने ही इंसान को गिफ्ट किया था.. इसके अलावा न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी भी उन्होंने ही इंसान को दी थी.. लेकिन वो कहते हैं की इंसान एक ऐसी स्पीशीज़ है जो हमारे गिफ्ट्स को जो की हम ये सोच के देते हैं की वो अपने भले के लिए उसे करेगा वो हमेशा उसको हथियार के तौर पे उसे करने लगता है.. वो कहते हैं की हमने न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी ये सोच के दी थी की इसके धरती की जो पावर रिक्वायर्मेंट्स हैं वो पूरी हो सकेंगी.. और आपकी साइंस एंड टेक्नोलॉजी और एडवांस हो सकेगी.. लेकिन आप लोगो ने इसे वेपन्स बना लिए.. इसलिए अब हमने आपको गिफ्ट्स देने ही बंद कर दिए..

अब यहाँ एक सवाल आता है की एक तरफ तो एलियंस कहते हैं की वो इस प्लैनेट में इंटरफ़ेर नहीं कर सकते

और दूसरी तरफ वो हमें गिफ्ट्स देते हैं.. ये भी तो एक तरह का इंटरफ़ेरेंस हुआ ना.. इस सवाल पे एलियंस कहते हैं की नहीं.. ये इंटरफ़ेरेंस नहीं है.. मान लो आप एक छोटे बच्चे को कोई टॉय देते हैं.. तो आपने तो उसको टॉय दे दिया.. लेकिन ये उस बच्चे के उपर है की वो उस टॉय से क्या करता है.. वो उससे खेलता है.. उसको तोड़ता है या उससे किसी दूसरे बच्चे को मारता है.. ये सब कुछ उसके उपर है.. इसमें हम इंटरफ़ेर नहीं कर सकते..

लेकिन कुछ ऐसे एक्स्ट्रीम सर्कम्स्टैंसेस होते हैं जिनमें एलियंस को इंटरफ़ेर करना भी पड़ता है.. जैसा की अटलांटिस के टाइम पे हुआ था..

जिनको नहीं पता उनको मैं बता दूं की अटलांटिस लाखों हजारों साल पहले धरती पर एक बहुत ही एडवांस्ड सिविलाइजेशन हुआ करती थी.. अगर आप लोगो को लगता है की धरती पर हम ही पहली सिविलाइजेशन हैं तो आप गलत हैं… यहाँ हमसे पहले अटलांटिक, मायांस जैसी और भी कई एडवांस सिविलाइजेशन्स रह चुकी हैं.. जिनके बारे में मैं आपको डिटेल में आगे आने वाले वीडियोस में बताऊंगा..
तो मैं आपको अटलांटिस के बारे में बता रहा था.. तो बेसिकली एलियंस बताते हैं की अटलांटिस के टाइम पे हुआ ये था उनकी साइंस एंड टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई थी की उन्होंने ऐसी-ऐसी चीजों से चर्चा करनी शुरू कर दी थी जो की बिल्कुल प्रोहिबिटेड थी.. जैसे की इंसान और जानवरों को मिला के ऐसे ऐसे जीव पैदा करना जो आधे इंसान हो और आधे जानवर.. इनफैक्ट आज के टाइम पे जो आप वेरवुल्व्स, मेरमेड वगेरा के लेजेंड्स सुनते हैं इन सबकी शुरुवात अटलांटिस के टाइम से ही हुई थी.. हम ऐसा करने देना बिल्कुल भी अलाऊ नहीं कर सकते थे.. एलियंस कहते हैं..

अब ये बड़ी अजीब सी बात है.. क्यूंकी एक तरफ तो एलियंस कहते हैं की वो रूल ऑफ़ नॉन इंटरफ़ेरेंस एंड फ्री विल को मानते हैं.. और दूसरी तरफ अटलांटिस के लोगों को उन्होंने उनके फ्री विल को एक्सरसाइज़ करने पर खत्म कर दिया.. तो ये तो एक तरह से इन्हीं की बात का कन्ट्राडिक्शन हुआ.. इस बारे में एलियंस बताते हैं की अटलांटिस के टाइम पर वो लोग इस तरह के एक्स्पेरिमेंट कर रहे थे.. लेकिन एलियंस ने उनको खत्म नहीं किया.. उन्होंने बताते हैं आप लोग तो हमारे लिए बच्चों जैसे हैं। हमने अपने हाथों से आपको पैदा किया है। हम क्यूँ आपको खत्म करेंगे.. असल में अटलांटिस के खात्मे की वजह कुछ और थी.. दरसल हुआ ये था की उन्होंने ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप कर ली थी की वो सीधा स्पेस से सूरज की एनर्जी को खींच सकते थे.. इसके अलावा और भी बहुत सारी चीजें ऐसी थीं… उन्होंने ऐसे-ऐसे एक्स्पेरिमेंट्स शुरू कर दिए थे जिनसे अलग-अलग डिमेंशंस के गेटवे खुलने लगे थे और पूरे ब्रह्मांड के लिए खतरा पैदा हो गया था.. और एलियंस ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने दे सकते थे.. लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अटलांटिस को खत्म नहीं किया बल्कि उन लोगों ने खुद ही अपने आप को खत्म कर लिया.. वो अपनी साइंस के दम पर इतना ओवर कन्फिडेंट हो गए थे.. की उन्होंने धरती के अलग-अलग कोनों में एनर्जी टैप करने के लिए बड़े-बड़े क्रिस्टल्स लगा दिए थे.. लेकिन वो इतने बड़े स्केल पर ये सब हैंडल नहीं कर सके.. और सब कुछ खत्म हो गया.. आज मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में आज जो बड़े-बड़े रेगिस्तान हैं.. किसी टाइम पर यहां हरी-भरी ज़मीन हुआ करती थी.. लेकिन उन लोगों की ग़लतियों की वजह से वहाँ सब कुछ तबाह हो गया.. सारी की सारी ज़मीन हमेशा-हमेशा के लिए बंजर हो गयी और रेत में तब्दील हो गई.. जब अटलांटिस खत्म हुआ तो कुछ लोग थे जो किसी तरह अपनी जान ब

चाने में सफल हुए थे.. और आगे चल के इन्हीं लोगों ने प्य्रामिड्स बनाए थे.. लेकिन ये सब मैं आपको अगले किसी वीडियो में बताऊंगा.. आज सिर्फ एलियंस के बारे में बात करते हैं..
एक और बहुत कॉमन सवाल जो एलियंस के बारे में पूछा जाता है वो ये की क्या एलियंस इस धरती पर कब्जा करना चाहते हैं.. इसके जवाब में एलियंस हंसते हुए बताते हैं.. की जो चीज़ पहले से हमारी है हमें उसपर कब्जा करने की क्या जरूरत है.. ये धरती हमेशा हमेशा से हमारी है.. हमने यहाँ पे आप लोगो को पैदा किया है.. हम इसपे कब्जा क्यूँ करने चाहेंगे..
एलियंस बताते हैं की आप एक बात ये जान लो की ये धरती एक बहुत ही खास प्लैनेट है.. और ये कोई सिर्फ एक प्लैनेट नहीं है.. बल्कि ये खुद में एक जीता जागता जीव है. एक जीवित प्राणी.. और आप लोग जो इसकी उपरी सतह पर रहते हो आप इस पूरी धरती का एक बहुत छोटा सा हिस्सा हो.. धरती की असली पॉपुलेशन इसके अंदर है.. जितनी पॉपुलेशन धरती के ऊपर रहती है उससे कहीं ज्यादा बड़ी और कहीं ज्यादा एडवांस्ड पॉपुलेशन धरती के अंदर रहती है.. धरती के अंदर कोर में बड़ी-बड़ी सिटीज़ हैं.. जिनमें उच्च-उच्च बिल्डिंग्स हैं.. रेल नेटवर्क्स हैं। यहाँ तक की उनका अपना अलग सूरज भी है.. और वो लोग आपसे कहीं ज्यादा एडवांस्ड हैं.. कहने का मतलब की अगर आप ये सोच रहे हैं की ये धरती ढोस है.. और इसके अंदर कुछ नहीं है तो ये गलत है.. ये धरती असल में अंदर से होलो यानी खोखली है.. और ये मिट्टी की नहीं बनी बल्कि क्रिस्टल्स से बनी है..
एलियंस बताते हैं की हमने जब धरती पर लाइफ पैदा की थी तो हमने एक परफ़ेक्ट लाइफ पैदा करने की कोशिश की थी.. और हम इसमें सफल भी हुए थे.. परफ़ेक्ट.. मतलब ऐसा लाइफ जहाँ कोई बीमार ना हो.. कोई बुढ़ा ना हो.. लेकिन हुआ ये की जब धरती पर एवोल्यूशन हो रहा था तो यहाँ स्पेस से एक उल्कापिंड आके टकरा गया.. और उस उल्कापिंड के साथ कुछ ऐसे बैक्टीरिया इस धरती पर आ गए जिनको इस धरती पर नहीं आना था.. जब हमें ये बात पता चली की धरती पर उल्कापिंड टकरा गया है और वो अपने साथ बैक्टीरिया ले आया है.. तो ये बात यूनिवर्सल कौंसिल के सामने रखी गई.. सब लोग इस बात से बहुत दुखी थे.. कौंसिल में इस बारे में बात की गई की अब क्या करना चाहिए.. क्या सब क़तम कर के फिर से ज़ीरो से स्टार्ट करना चाहिए.. या इसको ऐसे ही चलते रहने देना चाहिए.. तो आखिर में यही डिसीज़न लिया गया की हम इसको ऐसे ही चलते रहेंगे.. क्यूंकी उस स्टेज तक पहुंचने में हमें हजारों लाखों सालों तक वेट करना पड़ा थ

ा.. और ये सब बीमारियां जो आज आप धरती पर देखते हैं ये सब उसी बैक्टीरिया की वजह से होना शुरू हुई थी.. क्यूंकी उस वक्त धरती पर लाइफ डेवलपिंग स्टेज पर थी.. इसलिए हम आज भी समय-समय पर इंसानों पर टेस्ट्स करते हैं और ये जानने की कोशिश करते हैं की उनके डीएनए में किस तरह के चेंजेस हो रहे हैं..
अब यहाँ पे एलियंस खुद कह रहे हैं की वो बीच-बीच में इंसानों का डीएनए चेक करने के लिए उनको अपने साथ ले जाते रहते हैं, मतलब सिम्पल शब्दों में कहूं तो ये इंसनों को उठाते हैं, किडनैप करते हैं.. उनका कोई नुकसान करने के लिए नहीं, ना कोई चोट पहुंचाने के लिए, बस इनकी अपनी स्टडी के लिए..
अब हम इसी बारे में बात करते हैं। ये सब कैसे होता है… ये बताते हैं कि जब वे किसी इंसान को अपने साथ ले जाते हैं तो उसको वापस भेजने से पहले उसकी मेमोरी को साफ कर देते हैं, लेकिन उसके जाने और वापस आने में जो समय लगता है, उसको वह इंसान समझ नहीं पाता। यहाँ डोलोरेस एक औरत के केस के बारे में बताती हैं। वह औरत सुबह अपने ऑफिस से निकली थी अपने फ्रेंड्स के लिए खाना लाने, लेकिन जब वह खाना लेकर वापस आई तो सबने खाने से मना कर दिया। उसने पूछा क्या हुआ, तो पता चला कि वह सुबह निकली थी और उसको आधे घंटे में वापस आ जाना था, लेकिन यहाँ वह शाम 5 बजे वापस आ रही थी। तब तक सब खाना खा चुके थे। लेकिन उसके हिसाब से उसके बाहर जाने में मुश्किल से 40 मिनट ही हुए थे। एक बार और इसी लेडी के साथ ऐसा हुआ कि वह अपने किसी फ्रेंड के यहाँ कार चलाती हुई पार्टी में जा रही थी… लेकिन जब वह अपने फ्रेंड के घर पहुंची तो पता चला कि पार्टी खत्म हो चुकी है, सब लोग जा चुके हैं। उसको हैरानी हुई कि ऐसा कैसे हो सकता है। तो वह डोलोरेस के पास हाइप्नोसिस सेशन के लिए आई। फिर डोलोरेस ने जब एलियंस से इस बारे में बात की तो पता चला कि वो ही उस औरत को अपने साथ ले गए थे। उसकी कार समेट… मतलब जब वो उसको ऊपर हवा में उठा के अपने क्राफ्ट में ले गए तो उसकी कार समेट उसको उठा के ले गए थे। एलियंस से पूछा गया कि अगर ऐसी बात थी तो आपको उसे कार समेट उठा के ले जाने की क्या जरुरत थी। आप चाहते थे तो सिर्फ उसको गायब कर सकते थे… भला कार समेट उठा के ले जाने का लॉजिक है… तो वे बताते हैं कि उनको ऐसा करना पड़ता है। क्योंकि अगर मान लो वो सिर्फ उस औरत को गायब कर देते, और उसकी कार वही पार्किंग में ही, या हाईवे पर ही खड़ी रहती तो पुलिस को शक होता, कि ये अकेली कार यहाँ क्या कर रही है। और वे ये सब बातें किसी को पता नहीं लगने देना चाहते… इसलिए सबसे आसान ये ही था कि वे कार समेट ही उसको गायब कर दे।

फिर अगला सवाल आता है कि ठीक है, अपने कार समेट ही उसको हाईवे से उठा लिया होगा… और आप कहते हैं कि आप किसी को ये पता नहीं लगना देना चाहते, तो क्या हाईवे से कार को उड़ता हुआ दूसरे लोगों ने नहीं देखा होगा। वो बोलते हैं कि हाँ। लोग ये देखते हैं, लेकिन उनको कुछ याद नहीं रहता। हम टाइम, स्पेस, मैटर हर चीज़ को मैनिपुलेट कर सकते हैं…

अब मैं आपको बताऊं कि ऐसे बहुत सारे केस होते हैं, जब मान लो कोई हाईवे से अपनी कार चलाता हुआ जा रहा है, तभी उसको ऊपर आसमान में बड़ा सा UFO दिखाई देता है। बिल्कुल साफ साफ

… वो UFO को देखने के लिए अपनी कार रोक लेते हैं। लेकिन आसपास जा रहे दूसरे लोग इस तरह रिएक्ट करते हैं जैसे उनको वो UFO दिख ही नहीं रहा हो… तो इस बारे में एलियंस बताते हैं कि उनको, उनके प्लेन्स को सिर्फ वो ही देख सकता है, जिसको वो चाहते हैं कि वो उनको देखे। जिसको वो नहीं चाहते वो उनको देख ही नहीं सकता। इसलिए कितनी बार तो ऐसा होता है, कि हस्बैंड वाइफ एक ही बेड पर सो रहे हैं, और हस्बैंड को सामने एलियन खड़ा दिखाई देता है, लेकिन वाइफ को नहीं दिखता। क्योंकि वो चाहते हैं नहीं कि वाइफ उनको देखे… वो वहाँ सिर्फ हस्बैंड के लिए आए थे।

यहाँ डोलोरेस एक और लेडी के केस में बारे में बताती हैं। वो बताती हैं कि एक बार एक लेडी अपनी कार ड्राइव करते हुए सुबह सुबह अपने ऑफिस जा रही थी। अब आगे जाकर उसको जिस जगह से टर्न लेना था, वो वहाँ से टर्न लेना भूल गई। और सीधा आगे निकल गई। लेकिन आगे जाकर उसने देखा कि वो एक ऐसी रोड पे पहुंच गई जहाँ आपस में इतनी खूबसूरत हरियाली, इतने सुंदर पेड़ पौधे फूल वगैरह लगे थे। वो बस उसी रास्ते पे ड्राइव करती जा रही थी। और फिर 5 मिनट बाद ही उसने देखा कि उसकी कार तो शहर के दूसरे कोने वाले हाईवे पे पहुंच गई। और रात हो चुकी है। जबकि वो तो घर से सुबह के टाइम निकली थी। इस केस में एलियंस बताते हैं कि वो कई बार ऐसा करते हैं, कि जब वो किसी को अपने साथ ले जाने वाले होते हैं तो उसका इस तरह से मान भरम करते हैं मतलब उसका ऐसे ब्रेनवाश करते हैं कि उसको वो सब दिखाई देने लगता है जो की असल में होता ही नहीं है। वो खूबसूरत रोड उस शहर में थी ही नहीं, वो बस उन एलियंस ने यूँ उसको दिखा दी जिसे कि उस लेडी को डर न लगे।

कहने का मतलब की ये सब चीजें, इंसानों को उठाना, उनकी मेमोरी मिटाना, टाइम मैनिपुलेट करना… ये सब उनके लिए छुटकियों का काम हैं। वो चाहे तो कुछ भी कर सकते हैं।

एक और केस के बारे में बताता हूँ जो एक आदमी के साथ हुआ था। वो आदमी शाम को ऑफिस में काम करके घर वापस जा रहा था। रात का समय था, तभी उसको आसमान में बस एक लाइट नजर आती है। बस… इसके बाद वो बताता है कि वो रोड पे चलता रहा था, लेकिन इतने बिजी हाईवे पे भी उसको कोई दूसरी कार नजर नहीं आ रही थी। ना सिर्फ कोई कार, बल्कि कोई आवाज़ भी नहीं रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो वैक्यूम में ट्रेवल कर रहा हो। और फिर इसको रास्ते में एक घर के आगे एक बिल्ली दिखाई देती है। और जानते हो वो बिल्ली क्या कर रही थी, वो इस तरह से खड़ी

थी.. जैसे की उछालने की कोशिश कर रही हो।
असल में यहाँ ये हो रहा था कि, कि एलियंस इसको अपने साथ लेकर गए थे, लेकिन ले जाने से पहले उन्होंने इसके टाइम को रोक दिया था। इसलिए इसको अपने आसपास सब कुछ स्लो मोशन में होता दिख रहा था। वो बिल्ली जो इसको दिखी थी वो भी स्लो मोशन में दिखी थी। और फिर कुछ ही देर बाद अचानक से सब कुछ नॉर्मल हो गया। ये उसी कार में बैठा ड्राइव कर रहा था, सारी की सारी आवाजें एकदम से फिर से आने लगीं। अब इस आदमी को नहीं पता चला कि इसके साथ क्या हुआ। लेकिन अगर आपके साथ ऐसा कभी कुछ हो तो आप समझ जाना कि आपको एलियंस अपने साथ लेकर गए थे।

दोस्तों ये था एलियंस सीरीज का मेरा पहला वीडियो… ये टॉपिक इतना बड़ा है और एलियंस के बारे में इतनी सारी चीजें हैं जो एक वीडियो में बताई नहीं जा सकती… और अभी तो मैंने सिर्फ अच्छे एलियंस के बारे में ही बताया है… वो भी बस थोड़ा सा… अगर आपको ये वीडियो पसंद आया और आप चाहते हैं कि मैं एलियंस के और बहुत सारे वीडियो लेकर आऊं तो नीचे कमेंट करके जरूर बताना। बाकी भूतों, चुड़ैलों वगेरह के वीडियो भी आपके लिए लेकर आता रहूंगा… आज के लिए इतना ही… अब रात के 2.30 बज चुके हैं, मैं जा रहा हूं सोने… आप भी सोने जाओ… गुड बाय।

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