लालघाटी का भूतिया घर

यह जो कहानी मैं बताने जा रही हूँ, यह मेरी नहीं बल्कि मेरी एक फ्रेंड की है… अब तो पता नहीं वो कहाँ है, लेकिन वो दो महीने उसे हमेशा याद रहेंगे… मैं भोपाल में एक पीजी में रहा करती थी। वहाँ मेरे साथ और भी लड़कियाँ थीं। उन्हीं में से एक थी पूजा गोयल। वो मेरी अच्छी फ्रेंड थी और हमारे साथ ही रहती थी। उन दिनों वो लॉ की पढ़ाई कर रही थी।

उसका कॉलेज हमारे पीजी से बहुत दूर था… बल्कि शहर के बिल्कुल कोने पर था। और कॉलेज की कोई बस या शटल भी नहीं आती थी। इसलिए उसने कॉलेज के आसपास ही घर लेने का सोचा। उसका एक छोटा भाई भी था और उसका कॉलेज भी वहीं था। वो इंजीनियरिंग कर रहा था।

उनके पैरेंट्स ने भी यही डिसाइड किया कि वो दोनों वहीं कोई घर लेकर रहें।

पीजी से निकलकर वो दो महीने उस नए घर में रही। लेकिन फिर 2 महीने बाद वो वापस हमारे पीजी में ही आ गई। और दो महीने बाद जब हमने उसे देखा… तो वो बिल्कुल बदल चुकी थी… ऐसा लग रहा था कि वो बहुत बीमार है… वो बहुत पतली हो गई थी। उसकी आँखों के नीचे काले गड्ढे हो गए थे। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसकी सारी ताकत खींच ली हो। उसका भाई भी वैसे ही था, पतला, बीमार। दोनों की हालत बिल्कुल एक सी थी। हमने उससे पूछा तो उसने हमें सब कुछ बताया कि उसके साथ वहाँ क्या हुआ था।

उसने बताया कि पहले एक हफ्ता तो सब कुछ नॉर्मल था, लेकिन फिर एक हफ्ते बाद ही उन्हें हर वक्त यह लगता कि घर के बाहर कोई खड़ा है… और अंदर देख रहा है। लेकिन जब वो बाहर जाकर चेक करते तो उनको कोई नहीं दिखता। उन दोनों को ही यह महसूस होता था। एक शाम दोनों बाहर आँगन में बैठे चाय पी रहे थे, कि अचानक उसका भाई बोला… “दीदी अंदर कोई है।” पहले तो पूजा समझ नहीं पाई, लेकिन उसका भाई फिर से बोला… “दीदी घर के अंदर कोई घूम रहा है… कोई औरत…” पूजा ने कहा चल देखते हैं… अंदर आकर उन दोनों ने पूरा घर देखा, पर कोई नहीं दिखा। तभी उसका भाई बोला, “दीदी वो देखो वो औरत आँगन में घूम रही है।”

पूजा को तब भी कुछ नहीं दिखा… उस दिन के बाद से उसके भाई की तबीयत खराब रहने लगी। वो ठीक से खाना भी नहीं खाता… और खाता तो उल्टी कर देता।
कॉलेज के एग्जाम्स में भी बैक लग गई। लेकिन पूजा को अब तक कोई प्रॉब्लम नहीं हुई थी। बस घर में हमेशा मनहूसियत सी महसूस होती थी। लेकिन तब तक कोई परेशानी नहीं हुई। उसके भाई की हालत देखकर उसकी मम्मी ने उसे वापस इटारसी, जहाँ उनका अपना घर था, वहाँ वापस बुला लिया।

भाई के जाने के बाद पूजा एक दिन पढ़ाई कर रही थी कि अचानक उसको लगा कि उसके पीछे कोई खड़ा है और उसको घूर रहा है, लेकिन वहाँ तो कोई भी नहीं था। कुछ देर बाद वो सोने चली गई। रात में सोते सोते वो करवट बदलने के लिए मुड़ी… और नींद में ही उसने देखा कि उसके पैरों के पास कोई बैठा है… कोई औरत… उस औरत की शेप तो थी… लेकिन वो ठीक से दिख भी नहीं रही थी… धुंधली दिख रही थी। उसको लगा कि शायद वो कोई सपना देख रही है… और वो वापस सो गई… सुबह उठने पर उसको इस बात का अहसास था कि रात में कोई बार-बार उसका हाथ उठा रहा था। कई बार वो देखती कि बाहर सड़क से एक औरत खड़ी उसको घूरती थी। कभी दिखती, कभी नहीं। उसके लिए यह सब बहुत परेशान कर देने वाला था… लेकिन यह तो बस शुरुआत थी।

धीरे-धीरे उसको समझ आया कि उसका भाई जिस औरत की बात करता, वो यही है। वो खाना भी नहीं खा पाती थी… उसका फ्रेश खाना भी 1 घंटे के अंदर खराब हो जाता… पूजा का हाल भी बिल्कुल उसके भाई के जैसा ही होने लगा था। उसने अपनी मम्मी को फोन किया और सारी बात बताई। उसकी मम्मी ने वहाँ आकर वो सब देखने का फैसला किया। जब उसकी मम्मी वहाँ आई, तब तक पूजा को वहाँ रहते हुए 1.5 महीना हो गया था। एक रात सोते हुए उसकी मम्मी को लगा कि कोई औरत उनको पलंग से दरवाज़े की तरफ खींच रही है और वो चिल्लाने लगी… “जाने दो, मत खींचो!”

मम्मी की आवाज़ सुनकर पूजा ने मम्मी को नींद से उठाया, तो पता चला कि वो सपना देख रही थी। उसकी मम्मी उसी वक्त समझ गई कि यहाँ कुछ तो गड़बड़ है। हर रात पूजा को यही लगता कि कोई उसके पास बैठा हुआ है… कभी उसके पैरों के पास, तो कभी उसके सिर की तरफ।
कई बार रात में सोते हुए उनको लगता कि कोई दरवाज़ा खटखटा रहा है। एक बार तो उसको अपनी दादी की आवाज़ भी सुनाई दी, वो उसको रात 2:30 बजे गेट के बाहर से बुला रही थी, उस टाइम उसकी मम्मी भी वहीं थी और उन्होंने भी वो आवाज़ सुनी। मम्मी को पता था कि यह दादी नहीं हो सकती, क्योंकि वो तो इटारसी में घर पर थी।

पूजा की मम्मी ने भी महसूस किया कि वो जब से यहाँ आई है… हर वक्त थका हुआ महसूस करने लगी हैं। उन्होंने पूजा के पापा को बुलाकर वो घर खाली कर दिया।

फिर उस जगह के मालिक से बात की गई… उसने बताया कि वहाँ पहले जो लोग रहते थे, वो अब कहाँ हैं, उसको नहीं पता… उसको बस वो प्रॉपर्टी अच्छी और सस्ती मिल गई, तो उसने खरीद ली थी। पहले तो वो मकान मालिक उनकी बातों को मानने को तैयार नहीं था। लेकिन पूजा की हालत देखकर उसको मानना पड़ा।

भोपाल में ऐसे कई घर जहाँ कोई रह ही नहीं पाता है… सबसे फेमस है लालघाटी का वो घर जो न जाने कबसे बंद है… कहते हैं कि वहाँ जो आत्माएँ हैं, वो किसी को अंदर आने भी नहीं देती। इंटरनेट पर भी उस घर के बारे में काफी कुछ है।

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